सरकार ने सूबे में प्राइवेट नशा छुड़ाऊ केंद्रों द्वारा मरीजों के साथ होने वाली लूट को रोकने के िलए नशा छुड़ाने की दवा बुप्रेनारफिन सेहत विभाग से खरीदने के लिए लाजिमी तो कर दिया लेकिन अभी तक दवा का स्टाक विभाग तक नहीं पहुंच सका है। यही कारण है कि अभी तक यह लोग अपने पुराने स्टाक से काम चला रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति डावांडोल हो सकती है, क्योंकि दवा न मिल पाने के कारण वह भी इलाज नहीं कर सकेंगे।
गौर हो कि सरकार ने सभी प्राइवेट नशा छुड़ाऊ केंद्रों को आदेश दिया है कि वह बुप्रेनारफिन की एक गोली सिर्फ 7.50 रुपए में ही बेचेंगे। इसे उनको किसी अन्य जगह से नहीं बल्कि हरेक सिविस सर्जन अॉफिस से खरीदना होगा। इसके लिए उनको हर 15 दिन बाद अपना लेखाजोखा भी सिविल सर्जन अॉफिस को देना होगा। चूंकि पहले यह लोग इस एक गोली की कीमत 40 से 50 रुपए तक लिया करते थे। कुल मिला कर एक मरीज को हर माह चार से पांच हजार रुपए खर्चने पड़ते थे जबकि सरकारी सेंटरों में सारा का सारा इलाज फ्री है।
इसी लूट को रोकने के िलए सरकार ने यह फैसला लिया है।
सरकार ने नकेल तो कस दी लेकिन तत्काल इसके लिए दवा का बंदोबस्त नहीं किया है। एेसा माना जा रहा है कि दवा न आने की स्थिति में प्राइवेट सेंटरों के सामने इलाज न करने की मजबूरी खड़ी हो सकती है। अगर एेसा हुआ तो मरीज और उनके परिजन भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। इनका यह विरोध प्राइवेट सेंटरों के लिए सरकार के इस फरमान के िवरोध का हथियार बन सकता है। चर्चा तो यहां तक है कि प्राइवेट सेंटर वाले इसको लेकर किसी भी वक्त विरोध पर उतर सकते हैं।
सोमवार तक आ जाएगी दवाई : प्रभजोत कौर
सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल ने विभाग और सरकार के इस फैसले को सराहनीय करार दिया है। उनका कहना है कि सरकारी सेंटरों के लिए दवा बहुतायत में है। फिलहाल जो सूचना मिली है उसके मुताबिक सोमवार तक दवा आने की पूरी उम्मीद है।